चाँदनी रात में रतजगा... चाँदनी रात में रतजगा...
अपने मस्तक को आराम देती हो और किसी के स्वप्न में लीन हो जाती हो। अपने मस्तक को आराम देती हो और किसी के स्वप्न में लीन हो जाती हो।
हैं राष्ट्रवाद के प्रवर्तक जो भी मन में उनके खुशियां छाई एक देश में एक विधान के मजबू हैं राष्ट्रवाद के प्रवर्तक जो भी मन में उनके खुशियां छाई एक देश में एक विध...
केसरिया, हरा, सफ़ेद तीनो रंगों को एक साथ कर दूं सारे हिंदुस्तानियों के चेहरे पे उसको म केसरिया, हरा, सफ़ेद तीनो रंगों को एक साथ कर दूं सारे हिंदुस्तानियों के चेहरे ...
ज़माने की नज़र में कुछ भी हूँ मैं, पर अब ज़िंदगी से भरपूर नज़र आती हूँ मैं। ज़माने की नज़र में कुछ भी हूँ मैं, पर अब ज़िंदगी से भरपूर नज़र आती हूँ मैं।
राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। पर सीता की पीर को ना समझ पाये। राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। पर सीता की पीर को ना समझ पाये।